शब्द का अर्थ
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उपाकर्म (न्) :
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पुं० [सं० उप-आ√कृ+मनिन्] १. श्रावणी पूर्णिमा को संस्कारपूर्वक वेदपाठ का आरम्भ करना। २. यज्ञोपवीत संस्कार। ३. =उपक्रम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपाकर्म (न्) :
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पुं० [सं० उप-आ√कृ+मनिन्] १. श्रावणी पूर्णिमा को संस्कारपूर्वक वेदपाठ का आरम्भ करना। २. यज्ञोपवीत संस्कार। ३. =उपक्रम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |